

रायपुर। राजधानी रायपुर के वृंदावन हॉल में प्रतिष्ठित साहित्यकार पुरुषोत्तम ठेठवार की दो महत्वपूर्ण कृतियों ‘श्रीमद् भगवद् गीता छत्तीसगढ़ी भावानुवाद’ और ‘छप्पय छंद छानी’ का भव्य विमोचन किया गया। इस गरिमामय अवसर पर उन्हें ‘छंद रतन’ सम्मान 2025 से भी नवाजा गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार रहीं। उनके साथ डॉ. सुधीर शर्मा, रामेश्वर शर्मा और छंदविद अरुण कुमार निगम जैसे गणमान्य व्यक्ति भी मंच पर उपस्थित थे। इस साहित्यिक आयोजन में छत्तीसगढ़ के 18 जिलों से आए छंद साधकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।पुरुषोत्तम ठेठवार की पुस्तक ‘श्रीमद् भगवद् गीता छत्तीसगढ़ी भावानुवाद’ में पवित्र ग्रंथ श्रीमद् भगवद् गीता का छत्तीसगढ़ी भाषा में सरल और सुबोध भावानुवाद प्रस्तुत किया गया है, जिससे यह आम जनमानस तक आसानी से पहुंच सकेगी। वहीं, उनकी दूसरी कृति ‘छप्पय छंद छानी’ छंद विधान पर आधारित एक महत्वपूर्ण रचना है, जो छंदों के अध्ययन और अभ्यास में सहायक होगी। इस अवसर पर वक्ताओं ने पुरुषोत्तम ठेठवार के साहित्यिक योगदान की सराहना की और उनकी दोनों पुस्तकों को छत्तीसगढ़ी साहित्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।