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Tuesday, June 17, 2025

शहर में नशे का बढ़ता जाल: खुलेआम बिक रहा मौत का समान , नाबालिगों की जिंदगी हो रही बर्बाद…

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नशे की लत से गंभीर अपराधो में हो रहा इजाफा…

रायगढ़/ रायगढ़ जिले में मेडिकल नशे का अवैध कारोबार तेजी से फैल रहा है। शहर के विभिन्न इलाकों में खुलेआम नशीली दवाओं, कैप्सूल, सिरप, इंजेक्शनों और सुलेशन जैसी घातक नशीली सामग्रियों की बिक्री हो रही है। चौक-चौराहों, गलियों, मेडिकल स्टोर्स और कबाड़ी दुकानों तक यह नशा आसानी से उपलब्ध हो रहा है। इस बढ़ते जाल में मासूम और नाबालिग बच्चे सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। नशे की लत के कारण इन बच्चों की आपराधिक प्रवृत्तियां बढ़ रही हैं, जिससे चोरी, लूटपाट और मारपीट जैसी घटनाओं में इजाफा हो रहा है।

शहर में नशे का कारोबार इस हद तक बेलगाम हो चुका है कि अब मासूम बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। मेडिकल स्टोर्स, चौक-चौराहों और गली-कूचों में प्रतिबंधित कफ सिरप, नशीले इंजेक्शन और दवाएं धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। जिम्मेदारों की उदासीनता और लचर कार्यशैली के कारण यह गोरखधंधा बिना किसी डर के जारी है।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार शहर के सत्तीगुड़ी चौक, रामबाग, जोगीडिपा, टीकरपारा, रियापारा, चमड़ा गोदाम, संजय कॉम्प्लेक्स , कायाघाट और ढिमरापुर चौक जैसे इलाकों में नशीली सामग्री की खुलेआम बिक्री हो रही है। यहां तक कि कबाड़ बीनने वाले बच्चे भी सुलेशन का नशा कर रहे हैं, जो बेहद खतरनाक है। सूत्रो का दावा किया है कि कई कबाड़ी दुकानों के जरिए नाबालिगों को नशीले इंजेक्शन देकर उनसे चोरी और अन्य आपराधिक गतिविधियां करवाई जा रही हैं। स्थानीय जागरूक नागरिकों और पत्रकारों के अनुसार, शहर में कई ऐसे इलाके हैं जहां खुलेआम मेडिकल नशे का कारोबार चल रहा है। सत्ती गुड़ी चौक, रामलीला मैदान स्टेज, केलो प्रवाह ऑफिस के पीछे की गली, कोतरा रोड, गौशाला रोड और बापू आश्रम के पास ये वे स्थान हैं जहां नशेड़ी खुलेआम प्रतिबंधित दवाओं का सेवन कर रहे हैं। सैकड़ों इंजेक्शन कुओं में फेंके जा रहे, शहर के युवा बर्बादी के कगार पर हैं। सूत्रों के अनुसार, शक्ति गुड़ी चौक के पास स्थित कुएं में सैकड़ों की संख्या में नशीले इंजेक्शन फेंके गए हैं, जो इस अवैध धंधे की गहराई को उजागर करता है। कोतरा रोड, बिरयानी सेंटर और अन्य स्थानों पर मेडिकल नशे के वितरक सक्रिय हैं, लेकिन अब तक किसी पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई है।

स्थानीय नागरिकों और पत्रकारों का कहना है कि इस अवैध कारोबार की जानकारी क्षेत्रीय पुलिस अधिकारियों को भी है, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के कारण कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है। मेडिकल स्टोर्स को नियमों के तहत दवाएं बेचने की अनुमति होती है, लेकिन कई दुकानों को लाइसेंस देने में अनियमितताएं बरती जा रही हैं। विभागीय अधिकारियों पर मोटी रकम लेकर नियमों को दरकिनार करने के आरोप भी लग रहे हैं, जिससे यह मेडिकल नशे का अवैध कारोबार लगातार फल-फूल रहा है।

शहर में शराब से भी खतरनाक बटरम इंजेक्शन का नशा तेजी से बढ़ रहा है। शाम को प्रमुख मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों के आसपास नशेड़ियों की टोलियां देखी जा सकती हैं, जिनमें युवा और युवतियां भी शामिल हैं। यह नशा व्यक्ति के मानसिक संतुलन को बिगाड़ देता है और उसे अपराध की ओर धकेल देता है।

नशे की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण शहर में चाकूबाजी, लूटपाट और गुंडागर्दी जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। सार्जनिक पानी टंकी के पास और श्मशान घाटों के अंदर भी नशेड़ियों के अड्डे बने हुए हैं। स्थानीय लोग लगातार इस समस्या के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

बहरहाल अगर जल्द ही इस पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले समय में रायगढ़ नशे और अपराध का केंद्र बन सकता है। लोगों की मांग है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान दें और नशे के इस अवैध धंधे में लिप्त लोगों पर कठोर कार्रवाई करें।

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